मैं "माँ के प्यार की भाषा" अभियान में इस आशा के साथ भाग ले रही हूँ कि समाज में व्याप्त संघर्ष और विवाद कम होंगे और पूरे विश्व में शांति कायम होगी।
अभियान में भाग लेने के दौरान जो सबसे बड़ा परिवर्तन हुआ वह था
दैनिक जांच के माध्यम से, हम अपनी भाषा की आदतों की जांच करते हैं और समझदारी और विचारशीलता से भरे गर्मजोशी भरे शब्दों का प्रयोग करने का प्रयास करते हैं।
यह उन बुरी भाषाई आदतों को सुधारने का एक बेहतरीन अवसर है जिनका हम बिना सोचे-समझे रोज़मर्रा के छोटे-छोटे अभ्यासों के ज़रिए इस्तेमाल करते आ रहे हैं और सुंदर भाषाई आदतें विकसित करने का भी। यह एक बेहतरीन अभियान भी है जिसका मेरे पूरे समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
इस आशा के साथ कि दुनिया भर के सभी लोगों को सच्ची शांति मिलेगी, मैं आज अपने दैनिक जीवन में छोटी-छोटी चीजों का अभ्यास करने का प्रयास करूंगा।
आज के लिए भी धन्यवाद!
सबको शुभकामनाएँ! मज़बूत बने रहें!